1.एक शब्द... बूढ़े बाप को केवल एक शब्द ने मारा जब दो बेटों ने सामने खड़े होकर कहा "बंटवारा" । |
2.अंगूठा... जिसने शहर भर में, साक्षरता अभियान के पोस्ट लगाए उसने मज्दूरी के पैसे अंगूठा लगा कर उठाए।
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3.गलतफहमी... पार्टियों की खींचा-तान आतंक का साम्राज्य जनता सहमी-सहमी है यह आजादी है या आजादी की गलतफहमी है? | 4.दुकान... शहीदों ने देश बचाने एवं आयुध बनाने के लिये अपनी अस्थियां दी और आज के नेताओं ने उन अस्थियों की दुकान खोल ली।
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5.भारत महान भूखा, अधनंगा, बेहाल बच्चा गौर से देख रहा है श्रीमान् ! दिवार पर लिक्खा हुआ "मेरा भारत महान"
| 6.विशालता... समुद्र के किनारे प्यासा! प्यासा जब तक है तब तक समुद्र की विशालता निरर्थक है।
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7. अरमान... जिनके कांधों पर जनता के अरमान टिकते हैं वे विधयक यहाँ थोक में बिकते हैं।
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8. लाल झण्डा भारतीय कारखानों का उत्पादन इसलिए ठण्डा है, कि अधिकतर मजदूरों के हथों में लाला झण्डा है।
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9.उदाहरण सर्वतोन्मुखी आधुनिकता का उदाहरहण हमारे सामने तब आया जब नगर की सबसे बड़ी सांस्कृतिक संस्था ने असांस्कृतिक कार्यक्रम करवाया।
| 10. दर्पण दर्पण यदि आज के आदमी का उसका असली चेहरा दिखायेगा तो आदमी स्वयं को पहचान भी नहीं पायेगा।
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11.तलाश जो कायम रख सके जनता का विश्वास करती है जनता उस नेता की निरर्थक तलाश।
| 12.भावार्थ पहले वे कवि थे फिर नेता हो गये अर्थ मिला तो भावार्थ खो गये।
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13.चित्र हमने आस्तीनों में सांप पाले बांबियों में हाथ डाले और अब वे डस्ने वाले हम डसाने वाले प्यारे मित्र ! यही है सत्ता और जनता का सजीव चित्र।
| 14.दगा जो जितना ज्यादा दोस्ती का दम भरता है वह उतना ही बड़ा दोस्तसे दगा करता है। |
15.देश बिना दूध के आंचल मां का जल रहा है और वह कहते हैं 'अपकी गोद में देश पलरहा है।'
| 16.हुनर हर सुविधा स्वयं चल कर आपके घर आ जाए आपको अगर कसीदे गाने का हुनर आ जाए। |
17. कर्ज कर्ज लेकर खाइए मौज उड़ाइए वापस मत लौटाइए देनेवाला रोयेगा ढीढ बनिये आपका कुछ भी नहीं होगा।
| 18.ड्रामा भारत के सुसंस्कृत इतिहास में जोड़ा गया भ्रष्टाचार का ऎसा ड्रामा जिसमें नकोई फुलिस्टॉप है न कामा ।
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19.बत्तीसी लोहा, कंकरीट, सीमेण्ट, ईंट मुंह में डाली फिर भी ज्यों की त्यों बनी रही ठेकेदार की बत्तीसी ।
| 20.गीतकार गा-गा कर प्रशस्ति गान शब्दों से करके पैदा रुझान बन गए तुक्बाज भी गीतकार महान ।
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21.संजीदगी संजीदगी अगर अधिक खतरनाक हो जाए तो आदमी कि चाहिये बेबाक हो जाये ।
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